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झाकता रहा मै दिल में तुम्हारे
उस एक अनकहे सुराग़ के लिए
झाकाता रहा मै दिल में तुम्हारे
उस एक अनकहे सुराग़ के लिए
क्या पता था मुझे की तुमने
सारे अल्फाज़ दबा रखे हैं
क्या पता था मुझे की तुमने
अपने सारे राज़ बता रखे हैं
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