.15.
ना जाने क्यों दबाते हैं हम
ख़ामोशी में हर आवाज़ को
ना जाने क्यों छिपाते हैं हम
दिल में दबे हर राज़ को
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro
ना जाने क्यों दबाते हैं हम
ख़ामोशी में हर आवाज़ को
ना जाने क्यों छिपाते हैं हम
दिल में दबे हर राज़ को
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro