Chào các bạn! Vì nhiều lý do từ nay Truyen2U chính thức đổi tên là Truyen247.Pro. Mong các bạn tiếp tục ủng hộ truy cập tên miền mới này nhé! Mãi yêu... ♥

बादल गरजो!

बादल गरजो!
बादल गरजो!
घनन घनन तुम गरजो !
बादल गरजो !

तुम्हारी ही गरज से
तृप्त होता सारा संसार है;
तुम्हारे ही हुंकार से
बंधता एक समां है।

समां बने ध्वनियों की,
पपीहे की पीहु की,
मोर के नाच की,
पवन के सरसराहट की,
पत्तों के सनसनाहट की ।

इस पल को न धूमिल होने दो,
बादल गरजो!

तुम न गरजे तो दुनिया भूखी,
कृषि-सिंचाई सब रुखी-सुखी।
कृषक के पसीने हैं तुझ में,
उसके मेहनत को यूँ न जाने दो,
बादल गरजो!

सीने में तुम्हारे है बसी विनाश की लकीर,
जिसकी रौशनी में तृप्त होते हम फ़कीर ।
बादल गरजो, तुम बरसो,
बूँद बूँद को तरसे हम,
बूँद बूँद टपकाओ।

बादल गरजो!
बादल गरजो!

लक्ष्य

चित्रः इंटरनेट से।

Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro