दूरी
चाहता हूँ वक्त थम जाए
जिस वक्त तुम साथ रहो
सौंधी सी एक खुशबू लिए बहती रहे हवा,
जब तुम साथ रहो।
याद आते हैं वे पल,
तुम्हारी खामियों की दास्तां
दहल जाता है सोच के दिल मेरा,
ना होंगे हम एक साथ एक पल।
वो हर एक दिन गुजरता सामने
दे जाता है एक चेतावनी,
कि पास आ रही है बहुत
एक घनी तन्हाई की घड़ी।
भूल जाओ सब परेशानियों को
चल दो साथ मेरे एक सफ़र पर
ना कल की फ़िक्र ना जुदाई का डर
जी लो ये छोटी-सी जिंदगी मेरे संग।
लक्ष्य
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