राही
सुनो,आ ही गए हो जो मेरी गली
तुम भूले से रास्ता भटक कर,
तो जाते-जाते साथ अपने
लेते जाना तुम अपना नाम,
जो रह गया था मेरी साँसों में उलझ
दिल की धड़कनों में अटक कर।
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सुनो,आ ही गए हो जो मेरी गली
तुम भूले से रास्ता भटक कर,
तो जाते-जाते साथ अपने
लेते जाना तुम अपना नाम,
जो रह गया था मेरी साँसों में उलझ
दिल की धड़कनों में अटक कर।
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