पैबंद
ऐ दोस्त,चल पैबंद लगा दें
इक दूजे के ख़्वाबों को हम,
कुछ सपने तेरे पूरे ना हुए
कुछ ख़्वाब मेरे भी अधूरे हैं।
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ऐ दोस्त,चल पैबंद लगा दें
इक दूजे के ख़्वाबों को हम,
कुछ सपने तेरे पूरे ना हुए
कुछ ख़्वाब मेरे भी अधूरे हैं।
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