अल्फ़ाज़
अल्फ़ाज़,जो स्याही में भीग
रक़्स नहीं कर पाते पन्नों पे,
भटक जाते हैं वह अकसर
ज़हन की भूल-भुलैया में ।
उनमें से कुछ अल्फ़ाज़ तो
खो जाते हैं हमेशा के लिए,
और कुछ बन जाते हैं ग़ज़ल
यादों की गलियों से निकल....
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