
फ़लसफ़ा
दौड़ है ज़िन्दगी
जिसमें पीछे रहना
एक option नहीं है आज कल
जो ना चल सको साथ ज़माने के आप
तो क्या है आपका इस ज़िन्दगी में मुकाम
पल भर की सांस लेना भी
गुनाह है आज कल
इस भागती दौड़ती दुनिया में
साथ चलने वाला भी साथी नहीं
प्रतिस्पर्धी है
वो दोस्त हो सकता है आपका
या दुश्मन
पर आखिर में बात तो हर-जीत की है
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा आसान है
जीतो या हारो
नुकसान आपका ही है
अकेले शिखर पर पहुँच सुकून आखिर किस मिला है
पर दौड़ है ज़िन्दगी आज कल
इसमें ना कोई शक ना शुबा है।
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