
हसरत
हम तो तमन्नाओं के आशियाने में जीने लगे थे
तभी एक ठोकर मारी हकीकत ने
कहा;
"देख किस ओर चलता है,
आँखें खोल कर जी!"
सपनों के अंधेरों में, राह ना भटक
जो छूटी ये राह तो
ज़िन्दगी की भूल-भुलैया खा जाएगी तेरे अस्तित्व को
ना रहेगा वजूद कोई फिर
ना तेरे अक्स की भी होगी पहचान किसी को
गुम हो जाएगा भीड़ में फिर
गमनाम राहों में
जिनके ख्वाब तुझे आज सुहाने लगते हैं
पर ना ले जाते वो किसी मंज़िल पर
वो तो बस भूल-भुलैया हैं
जो गोल-गोल घुमाती है इस अन्धेरी राह पर
ना तड़पा खुद को
ना दे उम्र भर का गम उन अपनों को
जो तेरी कामयाबी का सोच जीते हैं
गुम हो जाएंगे उनके निशान भी
जो गुम हो गया इन ख्वाबों की राह में तू
तेरी सोच का दायरा अभी छोटा है
गुम होता तभी ख्वाबों में तू
फिर तमन्नाएँ तुझे गुमराह करती हैं
ये तेरी हसरतें तुझे ले डूबेंगी एक दिन।"
दी फटकार हकीकत ने
पर हसरत ने दामन न छोड़ा,
कहा, " तू आगे बढ़
तेरी हसरत ही है तेरा सहारा।
जो छोड़ा तूने मुझे तो
ज़िन्दगी भर ये मलाल रह जाएगा
हो सकते थे ख्वाब पूरे
ये सोच खुद को तू कोसेगा।
हाँ हो सकता है कुछ मुश्किलें आए इस राह पर
कुछ अपनों का साथ भी छूट जाए फिर
पर याद कर उन्हें तू मुस्कुराएगा
जब ख्वाबों की तामीर होगी एक दिन
ओर साथ बस वो रह जाएंगे
जिन्हें भरोसा तेरे ख्वाबों पर था
और साथ देने का जज़्बा दिल में था।
ना छोड़ साथ ख्वाबों का
पर ना भुला हक़ीक़त को भी
क्योंकि दोनों ही जीवन का सच हैं
ख्वाब देते दिल को सुकून हैं
और हक़ीक़त उन ख्वाबों को रोशन करती है
है साथ ज़रूरी दोनों का
कमी एक की भी
जीवन में अंधकार ले आती है
ना छाने दो अंधकार जीवन में
जीवन के दिए में खाबों का तेल और
हकीकत की बाती को जलने दो
ना छा पाए मायूसी और नाकामी का अंधकार ताकी।
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दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं सभी को 😊🎆
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Kanchan Mehta ❤️
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