हमसे कहो
जो कहना है हमसे कहो
तुम्हारी सुनने के लिए ही तो बैठे हैं
देखो ये कान भी बंद नहीं हैं
बस तुम्हारे इंतेज़ार में हैं
कि कब तुम इनसे वो बात कहोगे
जिसे दिल में लिए बैठे हो
तुम दूसरों को खोजते हो
उनसे वो बात कहते हो
जिससे उनका सरोकार नहीं
पर ना कह पाते हो हमसे
जिनका ज़िक्र हर बात में अपनी करते हो
भई कोई शिक़वा हो तो खुल के कहो
आखिर तुम्हारी सुनने को ही तो बैठे हैं
कहो वो हर बात कहो
जिसे कहने को मचल रहे हो
जो अब भी ना कहना चाहो
तो हमारी सुन लो
बात तो तुम्हारी हम तक पहुँच ही जाती है
पर दुःख होता है सोच कि ये सीधी तुमसे नहीं आती है
तुम दोस्त हमारे
तुमसे अपना न कोई, ना ही प्यारा है
फिर भी ना सीधे हमें बतला पाओ
तो भई कहीं तो दोष हमारा है
जो भी हो बस बात करो
जो कहना हमसे कहो
सुनेंगे भी और बतलाएंगे भी
कि क्या कमी कहाँ रही
बस ये बात बस हमसे कहो
दुसरो को बतला खिल्ली ना करो
जो भी कहो बस हमसे कहो।
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