हमारी तरह
हमारी तरह बहुत हैं इस दुनिया में
थोड़े मासूम, थोड़े चालाक
और थोड़े संकी भी
दुनिया ये हमारी उन्हें कुछ समझती नहीं
अरे हम भी क्या कहें
ये तो हमें भी कुछ बूझती नहीं
हम भी कुछ कम पागल नहीं लगते इसे
तभी तो ये हमें अंदेखा कर आगे बढ़ जाते हैं
थोड़ा फुसफुसाते हैं हमें देख
फिर आगे बढ़ जाते हैं
कुछ खास पसन्द नहीं हम इन्हें
पर क्या शिकायत करें
हमें भी कहाँ ये ज़्यादा पसन्द आते हैं
ये समाज और इसके ठेकेदार अक्सर भूल जाते हैं
कि हम जैसे संकी ही इसकी गाड़ी के पहियों को जान देते हैं
हम जैसे बहुत हैं इस दुनिया में
बस समाज में पहचाने नहीं जाते।
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro