श्रेया
आप सोचते हैं आप मजबूत हैं
तैयार हैं
कुछ भी हो जाए आप सह लेंगे
पता तो है कि ये वक़्त आएगा
झेल लेंगे
पर जब वो वक़्त आता है
तो जो समा होता है
और जो दिल का हाल
वो बयां नहीं किया जा सकता
जो हालत होती है
उसे बतलाया नहीं जा सकता
मजबूत दिल भी पिघल कर मोम हो जाता है
पत्थर आँखों का भी हाल बुरा होता है
आंसू से भर ये भी बह निकलती हैं
जब चेहरा उनका आंखों के सामने आता है
वो जिनके छोड़ कर जाने का आभास
उनके जाने की खबर मिलने से पहले हो जाए
सोचो कितने करीब होंगे वो
कि पत्थर आँखे भी नम हो जाए
बहुत गम है तुम्हारे जाने का श्रेया
बयान करने का ढंग नहीं आ रहा
तुम्हारी यादों से दिल भरा हुआ है इस कदर
आंखों का बरसना थम नहीं पा रहा
क्या करूँ किससे बात करूं
ये दिल कुछ समझ नहीं पा रहा
एक तुम तो थी जो सब कुछ जानती थी
मेरे हर रूप को पहचानती थी
तुम ही तो थी जिसने सबसे पहले मुझे अपनाया
सराहा और बढ़ावा भी दिया
इतनी दूर जो अपने सफर में निकली
तुम्हारे सहारे बिन कहाँ कर पाती
तुम साथ थी तो आस बनी हुई थी
कोई साथ हो ना हो तुम तो रहोगी
पर वो आस भी टूट गयी
तुम्हारे साथ सपनों की राह भी जैसे छूट गयी।
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Shreya, a dear friend of mine left this world today. She was a great supporter of my writing. Without her support I might never have started writing here on watt pad. Loosing her is a great loss to me and her family. So whoever is reading this book please pray for her soul. I know this poem us not good but the way I'm feeling today I have no other way of expressing it. Hopefully I'll edit it in future.
Please pray for my friend shreyanarang9325 . She was a beautiful person, whose heart was of gold and she cared for everyone around her.
Thank you for reading.
Your friend
Kanchan Mehta.
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