
मैंने दिल से कहा
मैंने दिल से कहा
"तू नादान है!
झल्ला है, दीवाना है!"
तो इसने कहा,
मैं झल्ला हूँ, दीवाना भी
अरे नादान ही सही,
पर कुछ हूँ!
तू बता इसमें कमी क्या है?"
तू पूछता है कमी क्या है,
"लोगों को तू भोला लगता है
तेरी नादानी की खिल्ली होती है
तेरा झल्लापन उन्हें हंसाता है
तेरा दीवानापन उन्हें पागलपन लगता है।
क्या अब भी पूछेगा कमी क्या है।"
"अब क्या कहूँ तुझसे
ये कमी उनकी है
उनकी सोच का मैंने क्या करना है
बस तू कहता है
तो मैं सोच में पड़ जाता हूँ
जिस जिस्म की रूह मैं हूँ
उसकी जान तू है
ऐ दिमाग मेरे, बस इसलिए घबरा जाता हूँ
मत सोच उनके बारे में
जिनका काम बस दूसरों पर हंसना है
तू बस अपनी सोच न तुझे किसी से कुछ लेना
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