काश तुम समझ पाते
काश तुम समझ पाते
कि क्या दर्द है
जो मुझे तुमसे जुड़ने नहीं देता
क्या है जो मुझे चाह कर भी
तुमसे कहने नहीं देता
काश तुम समझ पाते
मेरे अनकहे शब्दों को
भांप पाते मेरे चेहरे के भावों को
पर इनकी कोशिश तुमने ना की
बस मान लिया कि कमी हममें थी
काश तुम समझ पाते
की हर ख्याल तुम्हारा है
काश तुम समझ पाते कि
हमें इंतज़ार तुम्हारे एक कदम बढ़ाने का है
काश तुम समझ पाते
तो हमें इतना भी कहने की ज़रूरत ना होती।
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