
काश
"काश!"
ये शब्द भी अजीब है
कभी तो महरुमियों का
कराता अहसास है
तो कभी दिल को मेरे
दिलाता तेरी याद है
देता है करार मेरे दिल को कि
तू है
भले मेरा ना सही
पर तू है
तो कभी ये ख्याल दे जाता है ;
"काश! तू पास होता!"
फिर उसके साथ ये ख्याल दे जाता है
के पास हो कर भी अगर तू दूर होता
क्या कर पाती शिकवा मैं
क्या कह पाती कि
"काश तू मेरे पास होता!"
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Thank you my dear readers. It is because of you that I can proudly announce that Palchhin-2 has been selected in #Wattys2016.
I WON GUYS 🎆✨ and it's all because of you and your support. Thank you 💐 😘
Love you all ❤
Your humble friend
Kanchan Mehta ☺
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