आरज़ू
तुम्हारी आरज़ू में
क्या क्या ना किया
ताने भी सहे
और गम भी
पर तेरा नाम ना लिया
की आरज़ू तेरे साथ की
पर जब वो ना मिला
ना सोई मैं कई रातें
बस तेरा नाम ही लिया
तू दूर हो भी
दिल के पास रहा
तो क्या हुआ
जो तेरा साथ ना मिला
तेरी आरज़ू में जीवन गुज़र गया
आंखों में नींद ना थी
आंसुओं का सैलाब जो भर गया
फिर भी तेरा नाम ही लिया।
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Kanchan Mehta 🙏
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