अगर किताबें ना होती
अगर किताबें ना होती तो
निराधार सी लगती ये ज़िन्दगी
जो साथ ना होता उनका
तो क्या कटती ये ज़िन्दगी
देती राहत जो इस दिल को
वो तो बस किताबें हैं
बाकी सब तो बस
इस ज़िन्दगी को काटने का बहाना हैं
है सब जिंदगी में
कोई कमी नहीं
पर जब पास में ना हो किताब कोई
तो ये ज़िन्दगी अधूरी है लगती
ना पढ़ पाऊँ इन्हें चाहे पर
इनका पास होना भर ही ये अहसास कराता है
के कोई तो है जो हर पल साथ निभाता है
हैं मुकाम ज़िन्दगी में इनका कुछ अलग ही
ना हर कोई इसे समझ पाता है
कुछ के लिए तो मात्र पन्नों का एक पुलिंदा है
एक ढेर है रद्दी का
जिसका ना कोई मोल उनकी ज़िंदगी में
पर वो पूछें हमसे कितनी अनमोल हैं ये
देती ज़िन्दगी को आधार हमारे ये
करती हमारी तन्हाई का इलाज ये
ये बस पन्ने नहीं हमारे लिए
ये तो वो दोस्त हैं
जो हमारे दिल के सबसे करीब हैं ।
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