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भाग-7


13.रक्षाबंधन का त्यौहार
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रक्षाबंधन पर्व है सब पर्वों में खास।
भाई का है वचन इसमें बहना का विश्वास।

कच्चे धागों में बडी मजबूती का जोड़,
सबसे पावन है यही रक्षा का एहसास।

ये पौराणिक भेंट कुदरत की है बात,
अल्लाह की नमाज है गुरु की अरदास।

होती नही जिनके बहन मत पूछो उनका हाल,
आँशू बहाती आत्मा होता ऐसा काश।

जिस घर बेटे-बेटी जन्मे रहते हर वक्त खुश,
उस घर देव-देवियाँ करती सदा वास।

मिलकर रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाऔ 'कश्यप'
रेशम के एक धागे से भर जीवन में उल्लास।

-अरूण कश्यप


14.वतन के लिए (गीत)
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मिली है जिंदगी इस वतन के लिए।
अपनी जान दे देंगे इस चमन के लिए।
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ये जान है हमारी इसके दिवाने हैं हम।
सच है यही हकीकत वादा है सनम।
रूकेंगे नही कदम चाहे आतिश गिरे,
तन खफा देंगे जानेमन के लिए।
मिली है.......................चमन के लिए।
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भारत माता मेरी यदि रो पडी।
होगी वही मेरे मरण की घडी।
देखकर तेज अपनी जननी का,
खुद झुकता है शीश नमन के लिए।
मिली है....................चमन के लिए।
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दुश्मन यहाँ कोई टिक नही पाएगा।
आएगा साबुत मगर टुकड़ों में जाएगा।
'कश्यप' चढ जाएँगे बलि लाखों हँसते-हँसते,
भारत भूमि के हर कण के लिए।
मिली है..........................चमन के लिए।

-अरूण कश्यप

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