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हवा भी अपना रुख बदलती है
वक्त भी जैसा हो ज़रूर बदलता है
खामोशी की भी अपनी ही एक ज़ुबान है
हमे तो शब्दों में भी बयाँ करने से डर लगता है
गम बांटना चाहते तो है हम
मगर आपकी मुस्कुराहट छीनना हमें मंजूर नहीं।
~ vanuSh99
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