कुछ अल्फ़ाज ८
ऐसे अंदाज का क्या फ़ायदा जो कश्ती ले डुबे ?
ऐसे बयानों का क्या फ़ायदा जो बस्ती डुबा ले जाए?
हम तो कश्ती को नैया पार लगाना चाहते हैं,
और बस्ती को संवारना चाहते हैं।
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नहीं हो रहा इंतजार उनसे
सुनने को शब्द रूमानी मेरे
कहीं कल होने में देर ना हो जाए
आज इसी वक्त चलो उनसे बात कर लें।
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पढ़ते तो सब हैं कृतियों को
तारीफ़ उसकी जो भाव समझ ले।
कद्र तो सब करते हैं कृतियों की
तारीफ़ उसकी जो अहमियत समझ ले।
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जब दिल दे दिया है आपको
वोट क्या चीज है😂
आप कहें तो जान दे दें
सपोर्ट क्या चीज है।😉
(कॉलेज इलेक्शन स्पेशल ⬆️)😂😂
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वो कहती है कि वो खुबसूरत नहीं,
और सारा जहाँ उसके दीदार को पागल है।
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दीयों को घमंड था
कि उनसे ज्यादा चमकने की ललक किसी में नहीं।
तब मैंने मिलवाया उन्हें अपने दोस्त से
लज्जा से बाती उनकी झुक-सी गई।
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मैं फिजुल में घुमा सारे जहाँ में,
ढूँढने को एक रत्न जो नहीं था कहीं और
पहचानने की देर थी, वो वर्षों से था मेरे पास
जिसने थामा मेरा हाथ, जब शुभचिंतकों की कमी थी;
जिसने मायूस नहीं होने दिया मुझे, जब उम्मीद की किरणें मेघों में लुप्त थीं।
अष्टसिध्दी मानो मिल गई जब हुआ मैं उससे अवगत।
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