कुछ अल्फ़ाज ३६
काजल जो देखी तेरी आँखों में
दिल जैसे मेरा पसीज-सा गया।
वक्त की कमी या दुनिया की बेरहमी,
उस शुन्य में मैं डुब ना सका...
--------------------------------------------------------------
तू जब भी मायूस रहे
मैं उतना ही मायूस क्यों ना रहूँ;
मैं हूँ-
तेरे लिए मैं हमेशा मौजुद हूँ।
--------------------------------------------------------------
मोहब्बत से डर था लगता जिन्हें
आज किसी को आखिर, दिल दे ही दिया उन्होंने।
--------------------------------------------------------------
इंतजार करने कहा है,
अगर भावना-ए-शिद्दत है तो...
वरना आज भी हम कसर पूरी कर देंगे,
यूँ ही मख़ौल उड़ाना है तो...
--------------------------------------------------------------
तुम इज़हार तो करो,
हम कायनात बिखेर देंगे।
--------------------------------------------------------------
कुछ कायनात हमारे भी हाथ में है,
पूरी ना सही एक खाली मुट्ठी तो है...
--------------------------------------------------------------
मुट्ठी में कुछ हसीन सपने हैं
जो साथ में पूरे करने की तमन्ना है।
मुट्ठी में कुछ यादें हैं
जो साझा करने की इच्छा है।
--------------------------------------------------------------
दिल ने इतना झेला,
अब दिल पे बात जाती नहीं...
--------------------------------------------------------------
काश! आप बंदिशों से परे होते
काश! हम मोहब्बत के विजेता होते...
--------------------------------------------------------------
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro