कुछ अल्फ़ाज २०
तुम कभी अकेले भी हो जाओ
खुद को अकेला ना समझना।
लगे कि सारी दुनिया तुम्हारे खिलाफ़ है,
मुझे अपने तरफ हमेशा समझना।
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मोहब्बत चाय की तरह होती है।
हर घूँट के साथ एक नशा ले आती है।
हर प्याली के साथ मौत के करीब ले जाती है।
चाह हो तो भी छुट नहीं पाती है।
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दोस्त की यादें मेरे पास ख्यालों में रहती हैं।
तस्वीर में समेटने का दिल नहीं करता।
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एक जनाब जो कहीं खोए थे,
मुलाकात हुए बरसों बीत गए।
आज जो उनसे बातें हुई हैं,
मन तृप्त, चित्त प्रफुल्लित है।
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दूरियाँ तब मिटाते हैं,
जब दूरियों का कोई वजूद हो।
वो कल भी हमारे पास थे,
आज भी हमारे दिल में बसते हैं।
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जिंदगी की शांति को,
ऐ मुसाफिर तू ढूँढ रहा हर जगह।
जो खोज रहा तू, है वो तेरे ही भीतर
झाँक अपने मन में वो जवाब तू खुद है।
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तू आज भी भटका है
कल भी भटका था।
कल तेरे हाथ में है,
संजो ले उसे कहीं वक्त निकल ना जाए।
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आँसुएँ कीमती रत्न हैं,
उसे संभाल किसी और पल के लिए।
अभी आँखों में अंगार चाहिए,
हृदय को कमज़ोर होने से रोकने का समय है।
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