ख़ामोशी
मेरी खामोशी को मेरी कमज़ोरी ना समझना जनाब,
ख़ामोश हूं, मौन नहीं।
तमाशा करना मक्कारों का काम है,
ईमानदारों की ख़ामोशी ही काफ़ी होती है।
आपके रोने से यहां किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला,
इसलिए, जनाब मुस्कुराइए।
खामोशी में रोना एक कला है, जो इसे सीख गया वो कलाकार है,
जो न सीख पाया, वह उससे जलकर राख है।
दूसरों से अपनी तकलीफ साझा तभी करे,
जब वो आपकी चोट पर मरहम लगाए,
क्योंकि, घाव कुरेदने वाले काफ़ी मिल जायेंगे,
मरहम लगाने वाला कोई नहीं होता।
तूफान के पहले की शांति को बहार समझकर,
दरिया में उसने नव उतार ली,
अब, तूफान आयेगे और, उसे डूबा ले जायेगा।
दोबारा कह रही हूं, मेरी खामोशी से खुश होकर मेरी मैयत पर मत आना,
मैं वापस आऊंगी,
क्योंकि, ख़ामोश हूं, मौन नहीं।
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro