टुकड़े हज़ार हुए
तुम आए फरिश्ते की तरह,
मेरा दिल चुरके ले गए,
कोन जनता था की इतना प्यार हो जायेगा,
की सबसे ज्यादा जिंदगी मै तुम जरूरी हो गए।
प्यार, मोहब्बात के किस्से बेकार हुए,
मेरे दुखो की वजह तुम हुए,
कोन जनता था की इतना दर्द होगा,
जब देखा तो दिल के टुकड़े हज़ार हुए।
- रीशीका सिन्हा
(SavySagittarius)
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro