ये यारियां
वो शराराते,
वो मस्तियान,
अपना है और आज,
ये यारियां, ये यारियां,
वो दिन भी क्या?
वो पाल भी क्या?
याद है मुजे सब,
वो पागलपंती की क्या?
ये यारियां, ये यारियां।
वो दोस्ती तो मस्त थी,
बदमाशियाँ बिंदास थी,
जल्दबाजी में तोह हम,
वो आशियान कुच ख़ास थी,
ये यारियां, ये यारियां
— रीशीका सिन्हा
(SavySagittarius)
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