Maa
Poem for Maa :
उसे मम्मी कहो या माँ,
आई कहो या अम्मा,
माँ के मुँह से निकला हर शब्द,
है लाड़ भरा चुम्मा।
बचपन से लेकर आजतक
जब भी भूख के मारे किया मैंने "आ",
जिस हाथ ने मुझे खिलाया
वो है मेरी प्यारी माँ।
हमसे पहले जागती है,
और हमारे बाद सोती है वो,
हमारी खुशी में हँसती है,
और हमारे दुख में रोती है वो।
हमें हमारी इच्छा पूरी करने के लिए
भगवान से प्रार्थना करनी पड़ती है,
माँ को कहना भी नहीं पड़ता
और इच्छा पूरी हो जाती है।
तेरे कंगन और पायल की खनक
मुझे लोरी लगती है,
तू हँसती है तो दुनिया हँसती है,
तू हमेशा मेरे दिल में बसती है।
भगवान हर घर नहीं जा सकते,
इसलिए उन्होंने माँ को बनाया,
ए माँ, तेरे कदमों में स्वर्ग उतर आया।
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