.68. यादें
यह यादें सताती हैं
यह यादें रुलाती हैं
बिखरी हुई इन राहों में
यह यादें हँसाती हैं
कभी ना चाहते हुए आती हैं
कभी सब-कुछ भुला जाती हैं
कभी ज़िंदगी को थमा दे
तो कभी जीने की वजह बन जाती हैं
बचपन की वह यादें
वह प्यार भरी बरसातें
सपनों के इस साए में
खोई हुई वह यादें
ना लौटेगा वह बचपन
ना लौटेगी वह बरसातें
बस रहे गई है आज
यह खट्टी-मीठी यादें
***
Another one with AnkuGarg
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro