.46. वो आँसू, वो मुस्कुराहटें
तुम्हारे पीछे बहाया
हर आँसू आज माँगता हूँ
तुम्हारे लिए भेजी
हर मुस्कुराहट आज माँगता हूँ
आँसू तुम्हारे थे कीमती,
कीमती थी वो मुस्कुराहट
एक बार भेज दी जब तुमने
तो आज दोबारा क्यूँ है इनकी चाहत?
चाहत तो तुम्हारे दिल की थी
मगर तुमने तोङ दिया भरोसा
बताओ, पूछता हूँ आज
क्यूँ दिया तुमने धोका?
हर मुसकान तुम्हारी सहेजी मैने
आँसुओं को तुम्हारे बहने से रोका
पूछो ज़रा आज, दिल से अपने
क्या दे सकती हूँ मैं तुम्हे धोका?
फिर क्या थी वो,
वो रात भर की बातें,
वो दिन भर फोन में देखती हुई,
तुम्हारी खिलखिलाहटें?
सोचूँ किसी और के बारे में
अगर तुम्हारे खयालों से मिले आज़ादी
नहीं यकीन हम पर तो
ले लो तुम इस फोन की तलाशी
तुम पर है यकीन
हमें इस दिल से भी ज़्यादा
मानते हैं हम
ना तोङोगे तुम अपना वादा
अगर मानते हो तुम
सच्ची है मेरी चाहत
तो करो वादा, ना माँगोगे दोबारा
वो तुम्हारे आँसू, वो तुम्हारी मुस्कुराहट
मुस्कुराहट तुम्हारी है प्यारी
आँसू भी है हमारे लिए अनमोल
कैसे देदें तुम्हे बताओ
जिसका नहीं हमारे लिए कोई मोल
ना माँगेंगे हम वो मुस्कुराहटें
जिन्होंने तुम्हे हसाया
ना माँगेंगे हम वो आँसू
जिन्होंने तुम्हे रुलाया
वो आँसू और मुस्कुराहटें
याद दिलाते हैं गुज़रे हुए पल
तुम्हारे संग की वो यादें
रहेंगीे दिल में उम्र भर
***
Another one with the ever so stunning AnkuGarg
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro