133 आप और आपकी बातें
हवा की तरह आते हो
वक्त की तरह चले जाते हो
अपनी इस खामोशी से
कभी कभी डराते हो
क्या गम बांटना आपको मंजूर नहीं
जो हर पल यू मुस्कुराते हो?
अपनी बातों से मुझे हसाते हो
कभी कभी रुलाते हो
मेरी बात को नजरअंदाज कर
हमेशा अपनी ही सुनाते हो
क्या फरियाद है मुझसे इतनी
जो बिन बात के मुझे सताते हो?
हर पल मुझे देखते हो
फिर नझरे भी चुराते हो
बिल्कुल मेरे ही तरह
आप भी तो शरमाते हो
क्या इतना बड़ा राज़ है यह प्यार आपका
जोे मुझे बता भी नहीं पाते हो?
बिजली की तरह गुर्राते हो
बादलों की तरह सहलाते हो
अपने प्यार की मीठी बारिश से
मुझे सुकून दे जाते हो
कोई और मिलता नहीं क्या आपको
जो मेरे ही दिल को धडकाते हो?
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