शमशान syarii
शमशान के बाहर लिखा था मंजिल तो तेरी ये ही थी
बस जिंदगी बित गई आते आते क्या मिला तुझे इस दुनिया से
अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते
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बस जिंदगी बित गई आते आते क्या मिला तुझे इस दुनिया से
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