हार
जीती हैं जंग बहुत सी खुद से हमने
चलो आज एक जंग हार ही जाते हैं।
क्या हासिल कर लिया मार के उस खुदि को
जो बार बार ज़िंदा होकर मारने आता है,
चलो इस बार उसको ही जीता मान जाते हैं
चलो इस बार हम हार ही जाते हैं।
जी तो नही पाये जीत के कभी
इस हार में मौत का सुकून ही मिल जाये शायद,
जीत के हारते तो रोज़ रहे हैं,
हार के, मर के भी जीतते हैं लोग सुना है,
इस बार हम मर ही जाते हैं।।
इस बार इस बहादुर खुदि को मार ही जाते हैं।।
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