मलंग
बिखरे से बाल, बदहवास सी चाल,
दुपट्टा कहीं तो कंधा कहि और ही है।
ये हालात किसी का दिया नहीं
बस हस्ति ही हमारी कुछ ऐसी है।
बस्ते भले हैं इस शोरोगुल भारी दुनिया मे हम,
पर रखते हैं एक वीरान सी दुनिया अपने मे हम।
न बातें, न ताने तुम्हारे,
कुछ नही बदल सकता इरादों को हमारे।
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