अजीब इत्तेफाक है।कि मिला है यार भी मुझे वोजो कल ही रुला के आज पूछता हैकि रोये क्यों ।
कहें तो क्या उसे?कि तेरी हंसी कबूल,तेरे खुशी कबूल,तेरे गम कबूल,तेरे अश्क कबूल।गर मिले तोहफे मे तुझसेतो दुनिया की हर तोहमत कबूल।
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