ना तू मेरा, ना मैं तेरी।ना तू मुझे चाहे, ना मुझे आरजू तेरी।
फिर क्यों ये आवारगी, ये दीवानगी, ये तिश्नगी।।
Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro