Chào các bạn! Vì nhiều lý do từ nay Truyen2U chính thức đổi tên là Truyen247.Pro. Mong các bạn tiếp tục ủng hộ truy cập tên miền mới này nhé! Mãi yêu... ♥

Chapter 6 - Palak

Sorry for the late update. I know you all are just waiting for next chaptr but I was busy in my publishing work. But.. Now you can enjoy the new chaptr of this terrible, horrible, paranormal fan - fiction.
Enjoy the chapter and share your precious experience..! :)
↘↘↘↘↘↘↘↘↘↘↘↘↘

अगले दिन सुबह 7 : 30 बजे

किसी तरह ख़ुद पर क़ाबू करते हुए मैंने रात गुज़ार ली । मगर सुबह जागने पर मेरे मन में वहीं बातें फ़िर ताज़ा हो उठी । रात में हुए उस अजीब से हादसे को मैं अब तक पूरी तरह से भूल नहीं पायी थी ।
उस हादसे के बारें में सोचते ही मैं परेशान हो गई और उठकर खिड़की के पास गई । उस खिड़की के दरवाज़े खोलते ही मैं कुछ देर तक वही खड़ी रह गयी ।
बिस्तर के पीछेवाली खिड़की को खोलते ही मेरे सामने बहुत ही गहरा और हरा-भरा जंगल दिखाई दे रहा था । वहीं दूसरी ओरे दूर बाई तरफ़ गहरी खाई नज़र आ रही थी । बाहर जंगल के फर्श पर बहोत सारी मिट्टी और हरी-भरी घास बिछी हुई थी ।
प्रकृति के ये सुन्दर नज़ारे मेरे मन को राहत पहुँचा रहे थे । ठंडी हवा के झोके मुझसे टकराकर गुज़र रहें थे । और साथ ही वहाँ की महक पाकर मेरे मन को थोड़ी सी शांति महसूस हुई ।
तभी वक्त गुज़रने का ऐहसास होते ही मुझे ऑफ़िस का ख़्याल आया । जल्दी से नहाने के बाद अब मैं अपना लाईट ग्रीन ड्रेस और ब्लेक जैकिट पहनकर मैं ऑफ़िस जाने के लिए तैयार थी । और फ़िर अपने सेन्डल्स पहनते ही मैं तेज़ी से ऑफ़िस के लिए निकल पड़ी ।
महल से निकलते ही मैं रोज़ की तरह सलोनी के साथ बिल्कुल सही समय पर ऑफ़िस जा पहुँची ।
मगर उस महल से दूर जाने के बाद भी मेरा डर दूर नहीं हो पा रहा था । हर वक्त मुझे वहीं सारी डरावनी घटनाएँ याद आती रहती । और अब.. उस महल से दूर रहने के बावजूद मेरे साथ इस तरह के डरावने हादसे होना शुरू हो गए थे ।
महल में कई बार मेरी आँखों के सामने से मेरी चीज़ें ग़ायब हो जाती और कुछ समय बाद वहीं चीज़ें किसी दूसरी जगह से मिलती । तो कई बार उसके पास जाने या उसे छूने से वो चीज़ें ग़ायब हो जाती ।
कई बार ऑफ़िस में काम करते समय अचानक मेरे कंम्पयूटर से अजीब किस्म की आवाज़े सुनाई देने लगती, जो मुझसे यहाँ से चलें जाने के लिए कहती । मुझे ये कहकर डराती कि 'चली जाओ यहाँ से, वरना तुम्हारा ज़िन्दा रहना नामुमकिन है ।'
मैं हर दीन इन घटनाओं को बरदाश्त रहती । मगर फ़िर भी मुझे लगता कि समय के साथ सब ठिक हो जाएगा । लेकिन... ऐसा नहीं हुआ । उलटा, समय के साथ ये खौफ़नाक घटनाएँ औ़र बढ़ती चली गयी ।
कई बार जब मैं सबके साथ ऑफ़िस या केन्टिन में होती, तब एक ही पल में अचानक वहाँ बैठे सब लोग गायब हो जातें । और मैं... उस बड़ी सी जगह में अकेली कैद होकर रह जाती । ऐसे में फ़िर अचानक कहीं से डरावनी विसल (सीटी) की या अजीब सी आवाज़े सुनाई पड़ती । लेकिन... वहाँ पहुंचने पर कोई नज़र नहीं आता । फ़िर अचानक कहीं से कोई अंजान आदमी आकर मुझे महल से दूर चलें जाने के लिए कहता । और अगले ही पल मेरी आँखों के सामने से गायब हो जाता ।
मगर हैरानी की बात ये थी कि उस दिन के बाद पता करने पर मुझे जानकारी मिली कि ऐसा कोई आदमी इस ऑफ़िस में कभी था ही नहीं ।
अब मैं हर पल इन डरावनी घटनाओं के खौफ़ के साये में जी रही थी, जो मेरे लिए किसी मौत से भी बत्तर हो चूका था ।

एक हफ़्ते बाद ।

उस शाम मैं महल में थी । तब किसी काम के लिए मुझे कित्चन में जाना पड़ा । लेकिन.. वापस लौटने पर बाहर होल का पूरा कमरा मेरे सामने से ग़ायब हो चूका था । मैं.. कित्चन से निकलते ही सीधा महल के बाहर निकल आयी थी । उस दिन घबराहट और डर से कांपती हुईं मैं काफ़ी देर तक उसी जगह पर भटकती रही । फ़िर काफ़ी समय बाद सब कुछ अचानक अपनी जगह पर लौट आया ।
लेकिन वो समय मेरे लिये बहुत ही ज़्यादा डरावना और खौफ़नाक था ।
उस दिन के बाद कई बार महल के सभी रास्ते रहस्यमय तरीक़े से बदल जातें और मैं एक कमरे से दूसरे कमरे में परेशान होकर घूमती रहती । तो कई बार जब मैं महल में अकेली रहती तब ये हादसे इतने ज़्यादा डरावने और ख़ौफनाक तरीके से मेरे सामने आते कि मैं चीखने से ख़ुद को रोक नहीं पाती । और... तब क़रीब-क़रीब बस मेरी जान निकलना बाकी रह जाता ।
इतना सब सहने के बाद मैं हर समय बहुत ही उदास और सहमी हुई सी रहने लगी थी । ये घटनाएँ औऱ भी रहस्यमय, अजीब और काफ़ी डरावना रूप लेने लगी ।
मुझे इस हाल में देखकर, "क्या हुआ तुम्हे, पलक ? कुछ दिनों से तुम्हारी तबियत ठिक नहीं लग रही ।" सलोनी कई बार मुझे पूछने की कोशिश की ।
लेकिन मैं, "नहीं, बस काम का प्रेशर है ।" हर बार उसे किसी न किसी तरह समझा लेती ।
वही दूसरी तरफ़ सलोनी के दोस्त और हमारे लिडर, आर्या ने हमेशा की तरह, "तुम्हारे साथ कुछ तो प्रोबलम है । मैं तुम्हारे चेहरे पर साफ़ देख सकता हूँ, कि तुम ठिक नहीं हो । प्लिस, मुझे बताओ क्या हुआ है ?" मुझसे बात करने की कोशिश करते हुए मेरे इस अजीब बर्ताव की वजह जानने की कोशिश की ।
हिचकिचाहट से कांपते हुई आवाज़ में कहते ही, "न..हीं, ऐसी कोई बात नहीं ।" मैं तेज़ी से उससे दूर चली आयी ।
आर्या हमेशा मेरी फ़िक्र करता और मेरी परेशानी दूर करना चाहता । मगर मैं... हर बार उससे दूर भागती रहती । क्योंकि उसके उन अनगिनत सवालों के जवाब दे पाना मेरे लिए बहोत ही मुश्किल था ।
आर्या सलोनी की तरह बिल्कुल नहीं था । वो बहुत ही होशियार और समझदार था । उसे हर चीज़ के बारें में गहराई से जानना था । और जब तक वो किसी चीज़ के बारें में जान नहीं लेता वो उस बारें में सवाल करता रहता । और, उसी के पीछे पड़ा रहता ।
लेकिन उन दोनों की कई कोशिशों के बाद भी मैंने अपनी तकलीफ़ उन्हें पता नहीं चलने दी ।
इन हादसों के बावजूद अब महल में रहते हुए मुझे क़रीब बीस दिन बित चूकें थे । और इस बीच ये सब डरावने हादसे लगातार चलते रहें । महल में जातें ही ये सब मेरे लिए ये सब सह पाना औ़र भी ज़्यादा डरावना और ख़ौफनाक बन जाता । अब ये हादसे मेरे लिए इतने ज़्यादा डरावने बन चूकें थे कि कई बार इन सब चीज़ों के खौफ़ से मैं बेहोश हो चूकी थी ।
कई बार इस डरावनी बेहोशी से जागने पर मैं ख़ुद को कमरे के फर्श पक, कई बार बेलकनि में या होल की ज़मीन पर पड़ा पाती । तो कई बार इस लंबी बेहोशी के बाद मैं ख़ुद को कमरे के बाहर सीढ़ियों पर या कित्चन के पास पड़ा पाती ।
लेकिन इस डर से भरी ख़ौफनाक और लंबी बेहोशी से जागनेे के बाद भी मुझे हर समय यही डर लगा रहता कि पता नहीं अगले ही पल मेरे साथ कब, क्या हो जाए ।

Bạn đang đọc truyện trên: Truyen247.Pro